परिवारवादियों को स्वीकार्य नहीं,” सबका साथ-सबका विकास”: सीएम योगी
- April 20, 2025
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एक प्रमुख मीडिया समूह के कार्यक्रम में बोले मुख्यमंत्री तानाशाही और अधिनायकवादी अंतःकरण वाले नहीं देख पा रहे विकास : मुख्यमंत्री खुद और परिवार तक सीमित रहीं पिछली
एक प्रमुख मीडिया समूह के कार्यक्रम में बोले मुख्यमंत्री
तानाशाही और अधिनायकवादी अंतःकरण वाले नहीं देख पा रहे विकास : मुख्यमंत्री
खुद और परिवार तक सीमित रहीं पिछली सरकारें, नतीजा यूपी के सामने था पहचान का संकट : सीएम
Jagrat Times, गोरखपुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष के कई नेताओं का नाम लिए बिना उन पर करारा शाब्दिक प्रहार करते हुए कहा कि जिन लोगों के अंतःकरण में तानाशाही और अधिनायकवादी भाव है वह विकास को पनपते हुए, आगे बढ़ते हुए नहीं देखना चाहते हैं। ऐसे लोग अपना और अपने परिवार का विकास चाहते हैं और इन लोगों को सबका साथ-सबका विकास स्वीकार्य नहीं है। ऐसी विचारधारा के लोगों ने 1975 में आपातकाल लागू कर मीडिया पर सेंसर लगाया था और आज भी समय-समय पर मीडिया के विरोध लेकर फतवे जारी करते रहते हैं।
रामगढ़ताल क्षेत्र स्थित एक होटल के सभागार में सीएम योगी शनिवार सुबह एक प्रमुख मीडिया समूह के ‘उत्सव अभिव्यक्ति का’ कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने खुद को परिवार तक सीमित रखा। अपना और परिवार का ही विकास किया। उन्होंने प्रदेश के समग्र विकास को प्राथमिकता नहीं दी। इसका नतीजा यह हुआ कि यूपी के नागरिकों के सामने पहचान का संकट खड़ा हो गया। पिछली सरकारों में किसान आत्महत्या करने को मजबूर रहे, गरीब भूख से मरते रहे, महिलाओं और व्यापारियों को असुरक्षा का शिकार होना पड़ा था।
आज का यूपी देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज डबल इंजन की सरकार में सबके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हुए आज का उत्तर प्रदेश देश की अर्थव्यवस्था के लिए ग्रोथ इंजन के रूप में स्थापित हुआ है। उन्होंने कहा कि 2017 के पहले तक यूपी को बीमारू राज्य और विकास में बैरियर माना जाता था, जबकि आज यह विरासत और विकास की शानदार यात्रा का एक बेहतरीन मॉडल बन गया है। सीएम ने कहा कि वर्ष 2017 तक आजादी के बाद की 70 सालों की यात्रा में यूपी की अर्थव्यवस्था 12.75 लाख करोड़ रुपये थी। जबकि डबल इंजन सरकार में महज 8 वर्ष में यूपी की अर्थव्यवस्था 30 लाख करोड़ रुपये की हो गई है। इसी प्रकार 2017 में प्रति व्यक्ति आय 46 हजार रुपये थी। यह बढ़कर 1.10 लाख रुपये हो गई है। विरासत के संरक्षण, जनकल्याण और विकास की यूपी की यात्रा निरंतर आगे बढ़ रही है।
पिछली सरकारों ने दिया वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया, अब वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट और वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज
मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि उन सरकारों ने वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया दिया जबकि 2017 के बाद आई डबल इंजन सरकार ने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट और वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज देकर इस राज्य की पहचान को बहाल कराया है।
तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था है उत्तर प्रदेश
सीएम योगी ने कहा कि अर्थव्यवस्था की सामान्य भी जानकारी रखने वालों को पता होगा कि जब देश आजाद हुआ था तब उत्तर प्रदेश टॉप की अर्थव्यवस्था था लेकिन आजादी के बाद सरकारों के रवैये से इसकी अर्थव्यवस्था नीचे गिरती गई। 1947 से 50 के आसपास यूपी की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से अधिक थी लेकिन 2017 में यह राष्ट्रीय औसत के एक तिहाई पर आ गई। 2017 से सरकार ने प्रयास शुरू किए तो आज उत्तर प्रदेश की पहचान देश की तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था के रूप में है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में 2017 के पूर्व एक एक्सप्रेसवे था जबकि आठ सालों में छह एक्सप्रेसवे बन गए हैं और सात पर काम चल रहा है। 2017 के पहले सिर्फ एक सिटी में मेट्रो ट्रेन थी, आज छह शहरों में मेट्रो की सेवा है। हाइवे का सबसे बड़ा नेटवर्क आज यूपी में है। इंटर स्टेट कनेक्टिविटी बेहतरीन है। पहली रैपिड रेल और पहले इनलैंड वाटरवे की सेवा यूपी ने शुरू की है।
पहचान का संकट इस कदर को मंत्री को लौटना पड़ा था बैरंग
सीएम योगी ने 2017 के पहले के उत्तर प्रदेश की चर्चा करते हुए कहा कि तब पहचान का संकट इस कदर था कि यूपी के कई जिलों के नाम पर बाहर धर्मशाला में कमरा तक नहीं मिलता था। उन्होंने कहा कि 2013 में यूपी के एक मंत्री विदेश दौरे पर गए थे। यूपी के नाम पर जांच के लिए एयरपोर्ट पर उन्हें नंगा करके खड़ा कर दिया गया। उन्हें बैरंग वापस आना पड़ा था।