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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस: जरूरी है मानसिक सशक्तिकरण

  • March 7, 2025
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डॉ. साधना यादवअसिस्टेंट प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष, मनोविज्ञान विभाग,जुहारी देवी गर्ल्स पी.जी. कॉलेज, कानपुर हर साल 8 मार्च को हम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाते हैं! यह दिन महिलाओं के

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस: जरूरी है मानसिक सशक्तिकरण

डॉ. साधना यादव
असिस्टेंट प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष, मनोविज्ञान विभाग,
जुहारी देवी गर्ल्स पी.जी. कॉलेज, कानपुर

हर साल 8 मार्च को हम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाते हैं! यह दिन महिलाओं के अधिकारों, उनकी उपलब्धियों, और समाज में उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए समर्पित होता है। यह दिन न केवल उनके संघर्षों को याद करने का है, बल्कि समाज में समानता, न्याय और महिला सशक्तिकरण के लिए एकजुट होने का भी अवसर है। लेकिन केवल आर्थिक, सामाजिक या कानूनी सशक्तिकरण ही पर्याप्त नहीं है—महिलाओं का मानसिक सशक्तिकरण (Psychological Empowerment) भी उतना ही जरूरी है। यह न केवल उन्हें आत्मनिर्भर बनाता है, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास, आत्मसम्मान और स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति भी देता है। मानसिक सशक्तिकरण ही वह शक्ति है जो महिलाओं को अपने सपनों को पूरा करने और समाज में बदलाव लाने में सक्षम बनाती है। मानसिक सशक्तिकरण का अर्थ है आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता, निर्णय लेने की क्षमता और विपरीत परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति विकसित करना ! यह सशक्तिकरण महिलाओं को डर, संकोच और पारंपरिक बंधनों से मुक्त कर आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा देता है। भारत की महिलाएं ऐतिहासिक और आधुनिक दोनों दृष्टिकोणों से प्रेरणास्त्रोत रही हैं। वे अपनी मानसिक शक्ति या रेजिलियंस के दम पर विपरीत परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी। चाहे वह झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का साहस हो, मैरी कॉम का बॉक्सिंग में विश्व चैंपियन बनना हो, कल्पना चावला का अंतरिक्ष में उड़ान भरना हो, या महिलाओं का चांद पर चंद्रयान की सफलता हो—हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी काबिलियत और रेजिलियंस को साबित किया है। परंतु इन महिलाओं के लिए यह राह आसान नहीं रही, इसके बावजूद भी उन्होंने अपने अदम्य साहस और शक्ति का परिचय देते हुए अपने मुकाम को हासिल किया।

अतः आज की महिलाओं के लिए भी यह जरूरी है कि वे इन विदुषी महिलाओं से प्रेरणा लें और पारिवारिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक बंधनों को आत्मबल से पार करते हुए अपने निर्णय खुद लें और अपने सर्वोच्च मुकाम बनाएं। क्योंकि आज बहुत सी ऐसी महिलाएं हैं जो उच्च शिक्षा और करियर में सर्वोच्च मुकाम बनाने के बावजूद भी अपने जीवन के महत्वपूर्ण फैसलों के लिए दूसरों पर निर्भर हैं, खासकर जब फैसला करियर, वित्त या संपत्ति से संबंधित होता हो !
अतः हमें महिला दिवस के अवसर पर यह संकल्प लेना चाहिए कि हम महिलाओं को मानसिक रूप से सशक्त बनाएंगे, जिससे वे अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं और समाज की प्रगति में योगदान कर सकती हैं

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