तनाव और टेंशन से बढ़ती है चिंता विकार (Anxiety Disorder) : डॉ. मधुलिका शुक्ला
- March 2, 2025
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-नियमित होम्योपैथिक इलाज से इस समस्या का हो जाता है समाधान City Desk, Kanpur / एंग्जायटी एक मेंटल हेल्थ परेशानी है, जिसमें लोग अपने आप को नेगेटिव सोच,
-नियमित होम्योपैथिक इलाज से इस समस्या का हो जाता है समाधान
City Desk, Kanpur / एंग्जायटी एक मेंटल हेल्थ परेशानी है, जिसमें लोग अपने आप को नेगेटिव सोच, बेचैनी, डर और चिंता से घेरने लगते हैं। अचानक हाथ का कांपना, पसीना आना, घबराबट होना, मन में उलझन होना, बिना बात के रोना एंग्जायटी होने के लक्षण हैं. लगातार सही से नींद ना आने पर भी एंग्जायटी की दिक्कत हो सकती है। यदि आप सही नींद नहीं लेते हैं तो भी यह समस्या आपको हो सकती है।
कानपुर की मशहूर सीनियर होम्योपैथिक फिजिशियन ने बताया कि एंग्जाइटी के लक्षण में, बेचैनी, घबराहट, जी मिचलाना, पाचन की समस्या, सुन्नता, हाथ-पैर ठंडा होना, नकारात्मक विचार, इत्यादि। एंग्जायटी के कारण में, तनाव, बीमारी के कारण डिप्रेशन, अलकोहल या ड्रग्स सेवन, आघात, इत्यादि। होम्योपैथिक इलाज से इस समस्या से छुटकारा मिल जाता है। तनावपूर्ण या नकारात्मक जीवन या पर्यावरणीय घटनाओं के संपर्क में आने से भी जोखिम बढ़ सकता है।
परिवार में चिंता या मानसिक विकार का इतिहास भी चिंता विकार के जोखिम को बढ़ा देता है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे कि थायराइड की समस्या, दिल संबंधी समस्या आदि से जूझ रहे लोगों में भी चिंता विकार की अधिक संभावनाएँ होती हैं। चिंता के दौरे के लक्षणों में तेज़ साँस लेना, मतली, चक्कर आना, सिरदर्द और बहुत कुछ शामिल हो सकता है। डर और चिंता की भावनाओं के साथ-साथ, इसमें अक्सर शारीरिक लक्षण भी शामिल होते हैं। लोग तब भी चिंता का अनुभव कर सकते हैं जब कोई पहचान योग्य तनाव कारक न हो। एंग्जायटी में शख्स बहुत ज्यादा चिंता करने लगता है और भविष्य को लेकर डर बैठा लेता है। वहीं, डिप्रेशन में लंबे समय तक उदासी बनी रहती है और उसका कोई भी काम करने का मन नहीं करता है।
डिप्रेशन और एंग्जायटी होना बहुत ही नॉर्मल है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक आपके साथ बनी हुई है, तो यह रोजमर्रा की जिंदगी पर भी असर डाल सकती है। समस्या हल होने के बाद सामान्य चिंता अपने आप ख़त्म हो जाती है। लेकिन चिंता विकार (Anxiety Disorder) किसी विशिष्ट स्थिति से सीधे संबंधित नहीं होता, यह ऐसी स्थिति है जिसमें चिंता या भय अत्यधिक और एक विस्तारित अवधि (आमतौर पर छह महीने या अधिक) तक रह सकता है । जब ज़्यादातर लोग बेचैनी महसूस करते हैं, तो यह उन चीज़ों के कारण होता है जो हर कोई अनुभव करता है, जैसे तनाव, उत्तेजना, चिंता। कभी-कभी बेचैनी एंटीडिप्रेसेंट और अन्य दवाओं का साइड इफ़ेक्ट होती है। और कभी-कभी यह चिंता विकार जैसी मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों का लक्षण होता है। छाती में घबराहट कई वजहों से हो सकती है, जैसे कि चिंता, तनाव, पैनिक अटैक, हार्ट अटैक, फेफड़ों की समस्या, मांसपेशियों की समस्या, पेट की समस्या, और हड्डियों की समस्या।
चिंता या तनाव के कारण शरीर में एड्रेनालाईन हॉर्मोन का उत्पादन बढ़ जाता है।
इससे दिल की धड़कन तेज़ हो सकती है और सीने में दर्द हो सकता है।
गहरी सांस लेने और शारीरिक व्यायाम से तनाव कम किया जा सकता है।
पैनिक अटैक
तीव्र चिंता या घबराहट के दौरान तनाव हॉर्मोन कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन निकलते हैं।
इससे सीने में दर्द हो सकता है।
हार्ट अटैक
हार्ट अटैक के दौरान ब्लड वेसेल्स फट जाते हैं, जिससे सीने में दर्द होता है।
सीने में दर्द, बेचैनी, घबराहट, और पसीना आना हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है।
फ़ेफ़ड़ों की समस्या
निमोनिया या फेफड़ों में सूजन आने पर भी सीने में दर्द हो सकता है।
फुफ्फुसीय रोग वाले लोगों में घबराहट के लक्षण ज़्यादा होते हैं।