गुरुवार को डाॅ. मधुलिका शुक्ला के निशुल्क स्वास्थ्य शिविर में परामर्श व जांच का स्वर्णिम मौका
April 9, 2025
0
-नूतन होम्योपैथिक क्लीनिक व प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वाधान में कार्यक्रम -10 अप्रैल को सुबह 10:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक शिव ज्ञान सरोवर हास्टल में
-नूतन होम्योपैथिक क्लीनिक व प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वाधान में कार्यक्रम
-10 अप्रैल को सुबह 10:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक शिव ज्ञान सरोवर हास्टल में शिविर का हो रहा आयोजन
-शुगर, बीपी, कैल्शियम, थायराइड और वजन से संबंधित जांच, परामर्श और दवा लेने की सुविधा
Jagrat Times, कानपुर : जीवन में स्वस्थ शरीर से बढ़कर कुछ भी नहीं है। इसलिए बीच-बीच में अपने शरीर की स्वास्थ्य संबंधिच जांच को प्रतिष्ठित चिकित्सक से कराकर आवश्यक परामर्श जरूर लेते रहना चाहिए। अगर आपने कोई जांच या परामर्श नहीं लिया है तो चिंता करने की कोई बात नहीं है। अब कानपुरवासियों को 10 अप्रैल के दिन एक स्वर्णिम मौका मिल रहा है।
Dr Madulika Shukla (Senior Physicion)
इस दिन आप कानपुर की मशहूर सीनियर होम्योपैथिक फिजिशियन डॉक्टर मधुलिका शुक्ला से निशुल्क स्वास्थ शिविर में शुगर, बीपी, कैल्शियम, थायराइड और वजन संबंधित जांच कराने के साथ ही महत्वपूर्ण परामर्श व दवा ले सकते हैं। गुरुवार को विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर नूतन होम्योपैथिक क्लीनिक व प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वाधान में शिव ज्ञान सरोवर हास्टल, तुलसी नगर, निकट ओम चौराहा के पास आयोजित इस निशुल्क स्वास्थ शिविर का आयोजन सुबह 10:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक किया जा रहा है। तो फिर समय पर पहुंचकर आवश्यक परामर्श लेना न पहुंचे। गौरतलब है कि भारत में होम्योपैथी एक लोकप्रिय चिकित्सा पद्धति है, और सरकार ने इसे बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं।विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने होम्योपैथी को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी चिकित्सा प्रणाली घोषित किया है। होम्योपैथी चिकित्सा भारत में लगभग 200 साल पहले आरंभ की गई थी।होम्योपैथिक दवाओं के साइड इफेक्टनहीं होते हैं, क्योंकि वे अत्यधिक पतली होती हैं। होम्योपैथिक चिकित्सक प्रत्येक रोगी की व्यक्तिगत स्थिति के अनुसार उपचार योजना बनाते हैं। होम्योपैथी का उद्देश्य रोग की जड़ से उपचार करना है, न कि सिर्फ लक्षणों को दबाना। होम्योपैथी की स्थापना जर्मनी के चिकित्सक सैमुअल हैनीमैन ने 18वीं शताब्दी के अंत में की थी. होम्योपैथी के मुताबिक, जो पदार्थ किसी स्वस्थ व्यक्ति में लक्षण पैदा करता है, वह उन लक्षणों को दूर करने में भी मदद कर सकता है। होम्योपैथिक दवाएं, पौधों, जानवरों, या रसायनों से बनी होती हैं. होम्योपैथिक दवाएं, अल्कोहल और पानी में घोलकर तैयार की जाती हैं। होम्योपैथी का इस्तेमाल, एलर्जी, श्वसन तंत्र संबंधी लक्षण, पाचन संबंधी समस्याएं, मस्कुलोस्केलेटल दर्द, और वर्टिगो जैसे विकारों के इलाज के लिए किया जाता है।