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पंडित चन्द्रकान्त शुक्ला से जानिए! कौन से देवता का अक्षय तृतीया पर माना जाता है जन्म

  • April 29, 2025
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Jagrat Times, Kanpur/ अक्षय तृतीया को भगवान परशुराम का जन्म दिवस भी माना जाता है। परशुराम जी भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं। उन्हें अमर योद्धा और धर्म

पंडित चन्द्रकान्त शुक्ला से जानिए! कौन से देवता का अक्षय तृतीया पर माना जाता है जन्म

Jagrat Times, Kanpur/ अक्षय तृतीया को भगवान परशुराम का जन्म दिवस भी माना जाता है।

परशुराम जी भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं।

उन्हें अमर योद्धा और धर्म रक्षक के रूप में जाना जाता है।

परशुराम जी का जन्म वैशाख शुक्ल तृतीया को हुआ था, इसी कारण अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है।

भगवान परशुराम का संक्षिप्त परिचय

पिता: महर्षि जमदग्नि

माता: माता रेणुका

धर्म: क्षत्रियों के अत्याचार से पृथ्वी को मुक्त करने के लिए जन्म लिया।

शस्त्र: फरसा (उनका प्रमुख अस्त्र)

गुण: ब्रह्मतेज और क्षात्रतेज दोनों का समन्वय।

अमरता: परशुराम जी को चिरंजीवी (अमर) माना जाता है।

भूमिका: कलियुग के अंत में भगवान कल्कि को युद्ध कला सिखाएँगे।

अक्षय तृतीया पर भगवान परशुराम की पूजा कैसे करें?

सुबह स्नान करके भगवान परशुराम की मूर्ति या चित्र का पूजन करें।
उन्हें चंदन, पुष्प, अक्षत और गंगाजल अर्पित करें।
परशुराम मंत्र का जाप करें:

“ॐ परशुरामाय नमः” — 108 बार।

यदि संभव हो तो ब्राह्मणों को भोजन कराएँ और दान दें।
परशुराम कथा का श्रवण या पाठ करें।
अपने भीतर के क्रोध और अहंकार का त्याग कर, धर्म और सच्चाई का पालन करें।

छोटा सा सुंदर श्लोक भगवान परशुराम के लिए:

“नमः परशुरामाय धर्मसंस्थापकाय च।
क्षत्रक्षयकरायैव भृगुवंशप्रदीपिने॥”

(अर्थ: “परशुराम को नमस्कार है, जो धर्म की स्थापना करने वाले, अन्याय का नाश करने वाले और भृगुवंश के दीपक हैं।”)

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