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पंडित चन्द्रकान्त शुक्ला से जानिए! ग्रहों के अस्त होने की स्थिति

  • April 27, 2025
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Jagrat Times, Kanpur/ पंडित चन्द्रकान्त शुक्ला से जानिए! ग्रहों के अस्त होने की स्थिति जब कोई ग्रह सूर्य के बहुत नजदीक आ जाता है, तो उसे अस्त माना

पंडित चन्द्रकान्त शुक्ला से जानिए! ग्रहों के अस्त होने की स्थिति

Jagrat Times, Kanpur/ पंडित चन्द्रकान्त शुक्ला से जानिए! ग्रहों के अस्त होने की स्थिति

जब कोई ग्रह सूर्य के बहुत नजदीक आ जाता है, तो उसे अस्त माना जाता है। हर ग्रह का अपना एक नियम है कि वह सूर्य से कितनी डिग्री के अंदर आने पर अस्त हो जाता है। यह इस प्रकार है:

Pandit, Chanderkant Shukla ( astrologer)

बुध सूर्य के 14 डिग्री के भीतर आने पर अस्त माना जाता है।

शुक्र सूर्य के 10 डिग्री के भीतर आने पर अस्त माना जाता है।

मंगल सूर्य के 17 डिग्री के भीतर आने पर अस्त माना जाता है।

गुरु (बृहस्पति) सूर्य के 11 डिग्री के भीतर आने पर अस्त माना जाता है।

शनि सूर्य के 15 डिग्री के भीतर आने पर अस्त माना जाता है।

चन्द्रमा कभी अस्त नहीं होता।

राहु और केतु का अस्त होना नहीं माना जाता, क्योंकि ये छाया ग्रह हैं।


महत्वपूर्ण बातें:

जब कोई ग्रह अस्त होता है तो उसकी शक्ति कम हो जाती है और उससे जुड़े फल भी कमजोर हो जाते हैं।
उदाहरण के लिए:

शुक्र के अस्त होने पर विवाह या प्रेम जीवन में बाधाएँ आ सकती हैं।

बुध के अस्त होने पर वाणी, निर्णय क्षमता और व्यापार में परेशानी हो सकती है।

मंगल के अस्त होने पर साहस, भूमि-संपत्ति के मामलों में रुकावट आ सकती है।

गुरु के अस्त होने पर शिक्षा, विवाह और धार्मिक कार्यों में समस्याएँ आ सकती हैं।

शनि के अस्त होने पर नौकरी, मेहनत और न्याय संबंधित कामों में कठिनाई हो सकती है।

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