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कोई सपना बड़ा नहीं, सीमाएं तोड़कर आसमान में उड़ान भरिए : शिवानी कालरा

  • March 8, 2025
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-अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सिर्फ जश्न मनाने के लिए बल्कि अपनी क्षमताओं और विकास के मूल्यांकन का अवसर -हमें सशक्तीकरण, समानता और अनंत संभावनाओं के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहना

कोई सपना बड़ा नहीं, सीमाएं तोड़कर आसमान में उड़ान भरिए : शिवानी कालरा


-अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सिर्फ जश्न मनाने के लिए बल्कि अपनी क्षमताओं और विकास के मूल्यांकन का अवसर


-हमें सशक्तीकरण, समानता और अनंत संभावनाओं के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहना चाहिए

अखिलेश मिश्रा, गुरुग्राम : वर्तमान समय में महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं बल्कि हकीकत तो यह है कि महिलाएं अब पुरुषों को हर क्षेत्र में चुनौती दे रही हैं। आठ मार्च यानी आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष बातचीत में कैप्टन शिवानी कालरा ने कहा कि कभी भी बंधन में रहकर मत सोचो। अगर अपने सपनों को पूरा करना है तो कुछ अलग सोचना होगा यानी सारे बंधन और सीमाएं तोड़कर ही खुले आसमान में पंखों को फैलाकर उड़ना होगा। मेरे विचार से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस केवल जश्न मनाने के लिए नहीं है।

इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि यह हमें याद दिलाता है कि हम कितनी दूर आ गए हैं और हम कितना आगे जा सकते हैं। फ्लाइट डेक से लेकर बोर्डरूम तक, विज्ञान प्रयोगशालाओं से लेकर खेल के मैदानों तक लड़कियां हर दिन अपनी काबिलियत और क्षमता को दमदारी से साबित कर रही हैं कि आसमान की तरह कोई भी सपना बहुत ऊंचा या दूर नहीं है, जिसे हासिल न किया जा सके। कैप्टन शिवानी कालरा ने कहा कि ऑपरेशन गंगा और वंदे भारत मिशन जैसे ऐतिहासिक मिशनों का हिस्सा होने के नाते, मैंने महिलाओं की ताकत और लचीलापन को प्रत्यक्ष रूप से देखा है। चाहे वे पायलट हों, इंजीनियर हों, डॉक्टर हों या बेहतर भविष्य के लिए प्रयास करने वाली छात्राएं हों।

हमारी यात्रा केवल कांच की छतों को तोड़ने के बारे में नहीं है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए उड़ान भरने के लिए रनवे बनाने के बारे में है। उन्होंने कहा कि मैं हर युवा लड़की से अपील करती हूं कि अपने सपनों पर विश्वास करें। उनके लिए काम करें। अपनी जगह पर कब्ज़ा करें। कोई भी काम, मंजिल, लक्ष्य या क्षेत्र पहुंच से बाहर नहीं है‌‌ मेरे विचार से कोई भी कोई भी महत्वाकांक्षा बहुत बड़ी नहीं होती है। एक एविएशन इन्फ्लुएंसर के रूप में मैं यह दृढ़ विश्वास के साथ कहती हूं कि हूं, जब महिलाएं एक-दूसरे का उत्थान करती हैं, तो हम सिर्फ़ ऊपर नहीं उठते, बल्कि उड़ान भरते हैं। इस अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर, आइए हम सिर्फ़ जश्न नहीं मनाएं – हमें सशक्तीकरण, समानता और अनंत संभावनाओं के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए और हमें उड़ान भरते रहना चाहिए।

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