पढ़िए गाजियाबाद की सुप्रसिद्ध कवयित्री मोनिला शर्मा की अनमोल पंक्तियां
- February 27, 2025
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News desk, kanpur/ “अगर मैं तुम होती “ अगर मैं तुम होतीतो चूम लेती उन कोमल कलाईयों कोजिस पर गुदवाया था मेरा नाम तुमनेभरी दुपहरी में नीम के
News desk, kanpur/ “अगर मैं तुम होती “ अगर मैं तुम होतीतो चूम लेती उन कोमल कलाईयों कोजिस पर गुदवाया था मेरा नाम तुमनेभरी दुपहरी में नीम के
News desk, kanpur/
“अगर मैं तुम होती “
अगर मैं तुम होती
तो चूम लेती उन कोमल कलाईयों को
जिस पर गुदवाया था मेरा नाम तुमने
भरी दुपहरी में नीम के पेड़ के नीचे
हँसते -हँसते मेरे इंतज़ार में …….
अगर मैं तुम होती
तो भर लेती तेरे चेहरे को
अपने हाथों की कटोरियों में
जिस पर समय के थपेड़ों ने
अपने कम्बख़्त निशान छोड़ दिए
रूखे -रूखे मेरे इंतज़ार में ….,,,
अगर मैं तुम होती
तो पोंछ देती अपने उंगलियों से
उन झील सी गहरी आँखों में
समंदर से भरे अश्कों को
जो छीन रही है उन आँखों की रोशनी
धीरे -धीरे मेरे इंतज़ार में ……
अगर मैं तुम होती
तो फूलों से भर देती है उन राहों को
जिन की गर्म रोड़ियों से
छिल गए नाज़ुक पांव तुम्हारे
जल गए मेरे इंतज़ार में ……
अगर मैं तुम होती……..