योगी सरकार में तेज हुआ श्रीराममंदिर परिसर का निर्माण
- June 16, 2025
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Jagrat Times, अयोध्या। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति कर रहा है। रामदरबार और अन्य देवी-देवताओं के मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा के
Jagrat Times, अयोध्या। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति कर रहा है। रामदरबार और अन्य देवी-देवताओं के मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा के
Jagrat Times, अयोध्या। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति कर रहा है। रामदरबार और अन्य देवी-देवताओं के मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मंदिर के परकोटे (प्राचीर) के निर्माण को गति देने में जुटा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस ऐतिहासिक कार्य की प्रगति पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। वह जब भी अयोध्या पहुंचते हैं तो श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों और अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्माण कार्य की समीक्षा करते हैं और समयबद्ध प्रगति के लिए उचित दिशा-निर्देश जारी करते हैं। उनकी सक्रिय निगरानी और मार्गदर्शन से मंदिर निर्माण में तेजी आई है।
ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय और निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के नेतृत्व में कार्यदायी संस्थाएं दिन-रात परकोटे के निर्माण में जुटी हैं। लक्ष्य है कि नवंबर/दिसंबर 2025 तक मंदिर का संपूर्ण परिसर भक्तों के लिए खोल दिया जाए। यह परकोटा आयताकार होगा, जिसकी लंबाई 732 मीटर और चौड़ाई 14 फीट होगी। परकोटे का निर्माण मंदिर में प्रयुक्त पिंक सैंड स्टोन से ही किया जा रहा है, जिसमें भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़ी लीलाओं की सुंदर नक्काशी की गई है। यह कलाकृतियां न केवल भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र होंगी, बल्कि वर्तमान और भावी पीढ़ियों को श्रीराम के आदर्शों का सुखद संदेश भी देंगी।
विश्व पटल पर उभर रही अयोध्या
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या न केवल आध्यात्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और पर्यटन केंद्र के रूप में भी विश्व पटल पर उभर रही है। उनके निर्देश पर मंदिर परिसर के साथ-साथ अयोध्या में आधारभूत संरचनाओं का विकास भी तेजी से हो रहा है। सड़कें, हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन और अन्य सुविधाओं के विस्तार से अयोध्या भक्तों और पर्यटकों के लिए सुगम बन रही है। योगी सरकार की प्राथमिकता है कि श्रीराम मंदिर का निर्माण गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ पूरा हो, ताकि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बन सके।