मेरे पिता ने मुझे खुलकर उड़ने के पंख दिए : योगिता कादियान
June 15, 2025
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Jagrat Times, Kanpur/ फादर्स डे पर अपने महत्वपूर्ण विचार व्यक्त करते हुए योगिता कादियान, मनोविज्ञानिक, निदेशक (मनोसंवाद) ने कहा कि मेरे पिता मेरे पहले संरक्षक, पहले मार्गदर्शक और
Jagrat Times, Kanpur/ फादर्स डे पर अपने महत्वपूर्ण विचार व्यक्त करते हुए योगिता कादियान, मनोविज्ञानिक, निदेशक (मनोसंवाद) ने कहा कि मेरे पिता मेरे पहले संरक्षक, पहले मार्गदर्शक और मेरे सपनों पर अटूट विश्वास रखने वाले पहले व्यक्ति रहे हैं। उनकी चुप्पी में भी स्नेह था, और उनकी मौजूदगी मेरे लिए सबसे बड़ा संबल रही है। एक मनोवैज्ञानिक के रूप में मैं जानती हूँ कि एक लड़की के आत्मविश्वास और सोच की बुनियाद उसके बचपन में रखी जाती है। मेरे पापा ने वो बुनियाद न सिर्फ समझदारी से रखी, बल्कि उसे अपने प्यार और विश्वास से सींचकर मजबूत बनाया। “उन्होंने मुझे खुलकर उड़ने के पंख दिए, लेकिन जब भी मैं लड़खड़ाई, उनकी मजबूत बांहें थामने को तैयार रहीं। जब डर ने घेरा, उनका हाथ मेरे हाथ में था और जब थक गई राहों से, उनकी नज़रों में हौसला बसा मिला।” मेरे पिता ने वर्ष 1964 से 1988 तक इंडियन आर्मी में नौकरी करते हुए देश की सेवा की।