फैलाओ पंख भरो उड़ान थीम के वर्कशॉप में दिखा उत्साह
- June 3, 2025
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– पर्यावरणअसंतुलन और खामियाजा देखती प्रकृति Jagrat Times, Kanpur/ पर्यावरणअसंतुलन और खामियाजा देखती प्रकृति विषय पर बच्चों को जागरूक करने तथा सभी प्रशिक्षुओं को कैनवास में अपनी मां
– पर्यावरणअसंतुलन और खामियाजा देखती प्रकृति
Jagrat Times, Kanpur/ पर्यावरणअसंतुलन और खामियाजा देखती प्रकृति विषय पर बच्चों को जागरूक करने तथा सभी प्रशिक्षुओं को कैनवास में अपनी मां की भावनाओं और प्रकृति के प्रति समर्पण को दिखाने के उद्देश्य से वैसे रखा गया था। सभी बच्चों और बड़ों ने बड़ी ही उत्सुकता पूर्वक इस रोचक विषय पर अपनी अभिव्यक्ति प्रस्तुत की है। प्रशिक्षु लोकेश वर्मा ने बताया सभी जानते हैं कि आज हम वैज्ञानिक युग में बहुत ही तेजी से विकास की गति में चलते हुए वैश्वीकरण के सभी मानकों को पूर्ण करने में लगे हुए हैं और इस दौड़ में कहीं ना कहीं अंधाधुंध पेड़ों की कटाई, फलदार वृक्षों की कमी ,वर्षा की कमी, मौसम में परिवर्तन ,अत्यधिक गर्मी जैसे पर्यावरणीय परिवर्तन देख रहेहैं। एक और जहां ग्लोबल वार्मिंग के तहत हानिकारक क्लोरोफ्लोरोकार्बन गैसों का बढ़ता उत्सर्जन हर व्यक्ति को एयर कंडीशन की तरफ और प्रकृति से दूरी का यह नतीजा है कि आज हम प्रकृति के पर्यावरण तंत्र को नुकसान पहुंचा रहे हैं। आज की इस कार्यशाला में प्रशिक्षण ले रहे सभी प्रशिक्षकों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से विषय और प्रकृति के संरक्षण जैसे टॉपिक से जोड़ा गया सभी ने अपने मन की भावनाओं को कैनवास में रंगों के माध्यम से बहुत ही बखूबी प्रस्तुत किया है।
शिक्षिका एवं समाज सेविका रीना त्रिपाठी ने बताया कि कैनवस पेंटिंग एक बेहतरीन माध्यम है अपने भावों को मां की अनुभूतियों को रंगों के माध्यम से व्यक्त करने की जैसा कि हम सब जानते हैं पर्यावरण संरक्षण आज की परम आवश्यकता है यदि सभी लोग जागरुक नहीं हुई तो निश्चित रूप से हम सब कैनवस पेंटिंग में उगेरे गए बंजर वीरान और दुखी होती प्रकृति के सिवा कुछ नहीं बचा पाएंगे।
एसकेडी अकादमी से सुभाष त्रिपाठी ने बताया कि छह दिवसीय कार्यशाला में विभिन्न प्रकार के फाइन आर्ट के कोर्स को मैनेजमेंट ने इस प्रकार डिजाइन किया है कि इसका लाभ बच्चों और बड़ों सभी को मिल रहा है। दो घंटे की इस कार्यशाला में कैनवस पेंटिंग ,क्ले मॉडलिंग ,डिजिटल पेंटिंग और फोटोग्राफी की महत्वपूर्ण बारीकियों से परिचित कराया जाएगा ।जिसमें उम्र की कोई सीमा नहीं है कोई भी जो फाइन आर्ट में रुचि रखता है और इसे हॉबी के रूप में अपनाना चाहता है इस महत्वपूर्ण कार्यशाला में जरूर भाग ले। उन्होंने बताया किअंतिम दिन एग्जीबिशन के माध्यम से प्रतियोगिता परीक्षा होगी जिसमें प्रथम तीन आने वाली कलाकृतियों को पुरस्कृत भी किया जाएगा बाकी सभी पार्टिसिपेट के लिए सर्टिफिकेट प्रोत्साहन स्वरूप दिया जाएगा।