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मेरा कोई न सहारा बिन तेरे, घनश्याम संवारियां मेरे

  • May 22, 2025
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-महाराज के भजनों पर झूमे भक्त-बाहर जनपदों से आएं भक्तों का सम्मान-समाजसेवी दीपक ने सहयोगियां का आभार जताया-श्रीमद् भागवत सुनना सौभाग्य की बातJagrat Times, कानपुर। शास्त्रीनगर बाबा सोमेश्वर

मेरा कोई न सहारा बिन तेरे, घनश्याम संवारियां मेरे

-महाराज के भजनों पर झूमे भक्त
-बाहर जनपदों से आएं भक्तों का सम्मान
-समाजसेवी दीपक ने सहयोगियां का आभार जताया
-श्रीमद् भागवत सुनना सौभाग्य की बात
Jagrat Times, कानपुर। शास्त्रीनगर बाबा सोमेश्वर धाम में कथा के दूसरे दिन महाराज ने जैसे ही मेरा कोई न सहारा तेरे, घनश्याम संवारियां मेरे भजन गुनगुनाना प्रारंभ किया भक्त तालियां बजाकर झूमने लगे। मंचासीन वादक कलाकारों ने भजन को वाद यत्रों से सुरमय करके पूरा प्रांगण भक्तिमय कर दिया।
कथावाचक ने कहा कि कथा पंडाल तक भक्त का आना भी भगवान तय करते है। संसार में वह भाग्यशाली होता है जो कथा प्रांगण तक पहंचता है। वरना पड़ोस में होने वाली कथा में भी जाना संभव नहीं होता। कथा का एक-एक शब्द जो आप श्रवण करते है उसका भी पुण्य फल मिलता है।
श्राप और कष्ट दूर करती है श्रीमद् कथा

कथावाचक शैलेन्द्रदास जी महाराज ने बताया कि कलयुग में कथा ही एक ऐसा माध्यम है जो सीधा ईश्वर से आप को जोड़ता है। कथा पर विस्तार से बताते हुए कहा कि परिक्षित को श्राप से मुक्त करने वाली यही कथा है। कथा श्रवण से जीवन मंे आने वाले सभी कष्ठ स्वंय ही समाप्त हो जाते है। परिक्षित को श्राप से मुक्त कराने के लिए सुखदेव ने उन्हें कथा का रसपान कराया था।
बाहर से आएं भक्तों का सम्मान

कथा के दौरान भक्त अमित पाठक ने महाराज को अवगत कराया कि कुछ भक्त कथा श्रवण के लिए बाहर जनपदों से आएं हैं। महाराज ने ऐसे भक्तों को मंच पर बुलाकर उन्हें अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। भक्तों ने महाराज का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें आज महाराज से आशीर्वाद प्राप्त हुआ।

कथा समापन पर भव्य आरती प्रसाद वितरण
निर्धाति समय पर कथा का शुभारंभ हुआ और शाम को भजन कीर्तन के साथ आचार्य विवेक ने आरती गायन और आचार्य सूरज ने यजमानों को आरती कराने का अवसर प्रदान किया। भक्त की भीड़ को नियत्रित और सबकाम कशलता पूर्वक समाप्त कराने के लिए व्यवस्थापक दीपक त्रिपाठी विशेष तौर पर पूजास्थल पर मौजूद थे।

सहयोग के लिए दीपक ने जताया आभार
कथा समापन पर कार्यक्रम का दायित्व निभा रहे दीपक त्रिपाठी ने सभी सहयोग करने वाले भाइयों का आभार जताया। दीपक ने कहा कि सभी के बराबर सहयोग के कारण कार्यक्रम सफलता पूर्वक आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह धार्मिक अनुष्ठान हम सभी का है। इसलिए इसे जिम्मेदारी से पूरा कराना सभी स्थानीय लोगों का दायित्व बनता है।

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