सोमेश्वर धाम में कलश यात्रा के साथ भागवत कथा का शुभारंभ
- May 20, 2025
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-सुबह शुभ मुहुर्त में यात्रा भ्रमण पर निकली-आचार्य विवेक ने कराया कलश पूजन-यजमान अमित पाठन पत्नी के साथ आसन विराजे-आचार्यों के मंत्र उच्चारण से गूंजा पूरा क्षेत्र-51 महिलाएं
-सुबह शुभ मुहुर्त में यात्रा भ्रमण पर निकली-आचार्य विवेक ने कराया कलश पूजन-यजमान अमित पाठन पत्नी के साथ आसन विराजे-आचार्यों के मंत्र उच्चारण से गूंजा पूरा क्षेत्र-51 महिलाएं
-सुबह शुभ मुहुर्त में यात्रा भ्रमण पर निकली
-आचार्य विवेक ने कराया कलश पूजन
-यजमान अमित पाठन पत्नी के साथ आसन विराजे
-आचार्यों के मंत्र उच्चारण से गूंजा पूरा क्षेत्र
-51 महिलाएं कलश लेकर भ्रमण पर निकली
-समाजसेवी दीपक ने संभाली व्यवस्था की कमान
-कथावाचक गोविंद के साथ यात्रा में हुए शामिल
कानपुर। मंगलवार की सुबह शास्त्रीनगर का सोमेश्वर धाम आचार्य विवेक के मंत्रों से गूंज उठा। मौका था कलश यात्रा का। जो धाम से भ्रमण के लिए निकलने जा रही थी। यात्रा के लिए 51 कलश पूरी तरह तैयार थे। महिलाएं भी धार्मिक पोशाक में थी। सिर्फ यजमान अमित पाठक पत्नी के साथ आसन पर विराजमान होकर कलश पूजन करा रहे थे। आचार्यों के मंत्रों से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया था।
कलशों का हुआ पूजन
आचार्य विवेक की अगुवाई में कलश पूजन का शुभारंभ हुआ। मुख्य यजमान अमित पाठन पत्नी के साथ आसन पर विराजमान हुए। मंत्रों के बीच विधि-विधान से कलश पूजन प्रारंभ हुआ। पूजन के बाद यजमान को मुख्य कलश धारण कराया गया और यात्रा का शुभारंभ हुआ।
51 महिलाएं कलश लेकर निकली
कलश पूजन के समय मुख्य यजमान के साथ 51 महिलाएं भी पूजन में भाग ले रही थी। सभी महिलाएं अपने-अपने कलश के समीप बैठकर आचार्य के कथनानुसार पूजा में प्रक्रिया कर रही थी। पूजन समाप्त होते ही यजमान के कलश धारण करते ही सभी महिलाएं भी कलश को लेकर भ्रमण के लिए तैयार हो गयी।
यात्रा से पहले कथावाचक का सम्मान
कलश पूजन समाप्त होते ही बृंदावन की पवित्र धरती से जुड़े कथाव्यास पंडित शैलेन्द्र शुक्ला का सबसे पहले मुख्य यजमान अमित पाठन ने परिवार के साथ माला पहनाकर सम्मान किया। उसके बाद धाम में मौजूद सभी भक्तों ने सम्मान करके व्यास जी से आशीर्वाद लिया।
पांच मंदिरों में होकर वापस आई यात्रा
शास्त्र नियमानुसार पांच मंदिरों में दर्शन करके महिलाएं वापस सोमेश्वर धाम पहंुची। चिलचिलाती धूप भी महिलाओं का उत्साह कम न कर सकी। भक्तों का कहना था कि यह अवसर भाग्यवानों को मिलता है। इसलिए उर्जा में कमी नहीं होनी चाहिए।
गोविंद के साथ शैलेन्द्रदास जी महाराज भी शामिल
धाम से यात्रा प्रारंभ होने से पर यात्रा का नेतृत्व स्वंय गोविंद जी कर रहे थे। सबसे पहले गोविंद महाराज शैलेन्द्रदास जी के साथ मंदिर प्रांगण से निकले। उसके पीछे यजमान अमित पाठन पत्नी के साथ। फिर 51 बहनें कलश लेकर गोविंद के साथ हो ली।
व्यवस्थापक दीपक ने संभाली यात्रा की कमान
यात्रा का शुभारंभ होते ही दीपक त्रिपाठी ने यात्रा की कमान संभाली। दीपक के कहे अनुसार, कलशधारी महिलाएं दो लाइनें में हो ली। यातायात व्यवस्था प्रभावित न हो इसके लिए वे स्वंय आगे चलकर सभी चीजों को देख रहे थे। गर्मी को ध्यान में रखकर यात्रा में पानी की विधिव्त व्यवस्था की गयी थी।