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बहराइच में सालार मसूद गाजी की दरगाह पर नहीं लगेगा जेठ मेला, योगी सरकार के फैसले पर हाईकोर्ट की मुहर

  • May 17, 2025
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Jagrat Times, लखनऊ। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा बहराइच में सालार मसूद गाजी की दरगाह पर लगने वाले जेठ मेले पर लगाई गई रोक पर हाईकोर्ट ने

बहराइच में सालार मसूद गाजी की दरगाह पर नहीं लगेगा जेठ मेला, योगी सरकार के फैसले पर हाईकोर्ट की मुहर

  • योगी राज में आक्रांता सालार मसूद गाजी की ‘इबादत’ के लदने लगे दिन
  • सोमनाथ मंदिर और बहराइच के सूर्य मंदिर को ध्वस्त करने वाला आक्रांता था सालार मसूद
  • जून 1034 में महाराजा सुहेलदेव राजभर के हाथों मारा गया था आक्रांता सालार मसूद
  • गुलामी के दंश के प्रतीक को मिटाने के पीएम मोदी के संकल्प को प्राण-प्रण से पूरा करने में जुटे हैं योगी आदित्यनाथ
  • योगी सरकार में न केवल महाराजा सुहेलदेव राजभर को मिला सम्मान, साथ ही लदने लगे सनातन संस्कृति पर आक्रमण करने वाले आक्रांताओं के दिन
  • एक-एक कर गुलामी के हर दंश को मिटा रहे योगी आदित्यनाथ, पूरा कर रहे पीएम मोदी का ‘पंचप्रण’

Jagrat Times, लखनऊ। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा बहराइच में सालार मसूद गाजी की दरगाह पर लगने वाले जेठ मेले पर लगाई गई रोक पर हाईकोर्ट ने भी अपनी मुहर लगा दी है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मेले के आयोजन को लेकर दाखिल एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई के बाद सरकार के निर्णय में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है।

बता दें कि आक्रांता महमूद गजनवी का भांजा और उसका खास सिपहसालार सालार मसूद गाजी ने सोमनाथ मंदिर और बहराइच के सूर्य मंदिर को ध्वस्त किया था। सालार मसूद जून 1034 में महाराजा सुहेलदेव राजभर के हाथों मारा गया था। अब योगी सरकार ने इतिहास के इस आक्रांता से जुड़े आयोजन को रोककर सनातन संस्कृति की रक्षा और गुलामी के प्रतीकों को मिटाने की दिशा में कदम उठाया है। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘पंचप्रण’ संकल्प को पूरा करने की दिशा में एक और कदम माना जा रहा है।

योगी सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान न केवल महाराजा सुहेलदेव राजभर को सम्मान देने का कार्य किया है, बल्कि सनातन संस्कृति पर हमला करने वाले आक्रांताओं से जुड़े प्रतीकों को भी समाप्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। वहीं अब हाईकोर्ट के निर्णय के बाद बहराइच में सालार मसूद की दरगाह पर जेठ मेला आयोजित नहीं होगा, जिसे स्थानीय स्तर पर गाजी मियां के मेले के नाम से जाना जाता है

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