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“Red Stain White Society” — डॉ. शिखा नरूला की किताब ने समाज को दिया संवाद का नया नजरिया

  • May 12, 2025
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Jagrat Times, Kanpur/ प्रसिद्ध राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय इवेंट डायरेक्टर, समाज सुधारक और लेखिका डॉ. शिखा नरूला की पुस्तक ‘Red Stain White Society’ हाल ही में Amazon पर प्रकाशित

“Red Stain White Society” — डॉ. शिखा नरूला की किताब ने समाज को दिया संवाद का नया नजरिया

Jagrat Times, Kanpur/ प्रसिद्ध राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय इवेंट डायरेक्टर, समाज सुधारक और लेखिका डॉ. शिखा नरूला की पुस्तक ‘Red Stain White Society’ हाल ही में Amazon पर प्रकाशित हुई है। यह पुस्तक नारी जीवन से जुड़े एक अत्यंत संवेदनशील विषय को बेहद सरल, भावनात्मक और प्रभावशाली शैली में प्रस्तुत करती है, जो पाठकों को न सिर्फ सोचने पर मजबूर करती है बल्कि समाज के भीतर गहराई से जमी चुप्पियों को भी प्रश्नवाचक बना देती है।

किताब की विशेष बात यह है कि यह ना तो उपदेश देती है, ना ही शोर मचाती है — बल्कि एक मासूम नजरिए से शुरू होकर पाठक को खुद ही भीतर झाँकने को प्रेरित करती है।

एक छोटी सी बच्ची की दृष्टि से रचा गया यह भावनात्मक अनुभव, पाठकों को यह एहसास कराता है कि जो बातें हमें सामान्य लगती हैं — जैसे मासिक धर्म — वे कई बच्चों के लिए कैसे एक जटिल, अनकहा और अकेला सफर बन जाती हैं।

इस पुस्तक में “लाल दाग” को एक प्रतीक के रूप में पेश किया गया है — जो सिर्फ एक जैविक परिवर्तन नहीं, बल्कि एक सामाजिक सोच का प्रतिबिंब है। यह दाग उस सफेद समाज पर एक प्रश्नचिन्ह है — जो बदलाव को समझने से पहले जज करना सीख जाता है।

पुस्तक की खास बातें:

यह किशोरावस्था में आने वाली शारीरिक और मानसिक जटिलताओं पर आधारित है

लेखन शैली सरल, भावनात्मक और साहित्यिक है

यह विषय को बिना बोझिल बनाए, गहराई से प्रस्तुत करती है

यह किताब सिर्फ महिलाओं की नहीं — पूरे समाज की बात करती है

डॉ. शिखा नरूला वर्षों से महिला सशक्तिकरण, मानसिक स्वास्थ्य, बाल विकास और सामाजिक संवाद पर काम कर रही हैं। उनकी यह पुस्तक उनके काम का एक विस्तार है — जिसमें शब्द, संवेदना और सोच — तीनों एक साथ चलते हैं।

लेखक प्रोफ़ाइल: डॉ. शिखा नरूला — एक अवॉर्ड-विनिंग इवेंट डायरेक्टर, लेखिका और समाज सुधारक हैं। उन्होंने नरूलाज़ एंड कंपनी द्वारा देश-विदेश में कई बड़े आयोजन किए हैं जो कला, चेतना और बदलाव को एक मंच पर लाते हैं।

डॉ. शिखा नरूला कहती हैं: “ये किताब किसी के खिलाफ नहीं है। यह एक कोशिश है — उन खामोश आवाज़ों को सुनने की, जो समाज की तेज़ रफ्तार में कहीं खो जाती हैं।”

“ये किताब सिर्फ महिलाओं के लिए नहीं है, यह समाज के हर व्यक्ति के लिए है—जो अगली पीढ़ी को एक बेहतर सोच देना चाहता है।”

यह न केवल महिलाओं के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक जागरूकता का आह्वान है। डॉ. शिखा नरुला ने इस पुस्तक के माध्यम से यह दिखाया कि समाज के हर तबके में, खासकर शिक्षा संस्थानों, स्वास्थ्य संगठनों और मीडिया में इस मुद्दे पर गहरी जागरूकता होनी चाहिए।

पुस्तक अब Amazon पर उपलब्ध है और लिंक इस प्रकार है, https://amzn.in/d/1FxQ7RG — यह समाज से जुड़ने और उसे भीतर से समझने का एक माध्यम है।

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