श्रमिकों और कामगारों के हर कदम पर साथ खड़ी योगी सरकार
- May 1, 2025
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Jagrat Times, लखनऊ। मेहनत, पसीने और समर्पण से विकास की नींव रखने वाले श्रमिकों को सशक्त बनाना योगी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री
Jagrat Times, लखनऊ। मेहनत, पसीने और समर्पण से विकास की नींव रखने वाले श्रमिकों को सशक्त बनाना योगी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में श्रमिकों के जीवन को सुरक्षित, सम्मानजनक और समृद्ध बनाने के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं लागू की गई हैं, जिनका लाभ लाखों श्रमिक और उनके परिवार उठा रहे हैं। चाहे बच्चों की शिक्षा हो, स्वास्थ्य की सुरक्षा, रोजगार के अवसर हों या आपदा की घड़ी में सहारा—हर स्तर पर सरकार उनके साथ खड़ी नजर आ रही है।
श्रमिकों की भागीदारी से बन रहा है नया उत्तर प्रदेश
श्रमिक सिर्फ निर्माणकर्ता ही नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की आधारशिला हैं। योगी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं इस सोच का जीवंत प्रमाण हैं, जहां श्रमिकों को सिर्फ योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा, बल्कि उन्हें समाज में गरिमा और सम्मान भी प्राप्त हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं कई अवसरों पर कह चुके हैं कि श्रमिकों की मेहनत से ही प्रदेश की प्रगति संभव है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से लेकर महाकुंभ तक हर बड़े प्रोजेक्ट में श्रमिकों के योगदान को सम्मान देने का कार्य सरकार ने किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कॉरिडोर निर्माण में लगे मजदूरों के चरण पखारना, महाकुम्भ में 4 महीने तक लगातार सेवा करने वाले मजदूरों का सीएम योगी द्वारा सम्मान इसका उदाहरण है।
अभी हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में कार्यरत आउटसोर्सिंग कार्मिकों की सेवा, श्रम अधिकारों एवं पारिश्रमिक की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए “उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम” (UPCOS) के गठन के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने अधिकारियों से कहा है कि राज्य सरकार आउटसोर्सिंग कार्मिकों के श्रम के सम्मान व जनहित में किए जा रहे कार्यों की सराहना करती है और उनकी सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से कार्यरत कार्मिकों को वेतन में कटौती, समय से भुगतान न होना, ईपीएफ/ईएसआई जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ न मिल पाना, पारदर्शी चयन प्रक्रिया का अभाव, उत्पीड़न आदि शिकायतें प्राप्त होती हैं। ऐसे में व्यवस्था में व्यापक परिवर्तन किया जाना आवश्यक है।
श्रमिकों के बच्चों के लिए उज्ज्वल भविष्य की नींव बना अटल आवासीय विद्यालय
डबल इंजन की सरकार का उद्देश्य मजदूरों के सिर्फ सम्मान तक ही सीमित नहीं हैं, सरकार की योजनाएं और इसके सफलता के आंकड़े खुद ही सरकार की श्रमिकों के प्रति मंशा को जाहिर कर रहें हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया, उनके लिए योगी सरकार ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए एक अभिनव कदम उठाया। पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों एवं कोविड काल में निराश्रित हुए बच्चों के व्यवस्थित पठन-पाठन के लिए प्रदेश के प्रत्येक मंडल में सर्व सुविधायुक्त अटल आवासीय विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। वर्तमान में 12 जनपदों में यह विद्यालय सक्रिय हैं, जिनमें 100-100 बालक एवं बालिकाओं को नि:शुल्क शिक्षा, भोजन, वर्दी और अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
सेवामित्र पोर्टल से श्रमिकों का सशक्तीकरण
योगी सरकार द्वारा शुरू किए गए सेवामित्र पोर्टल पर अब तक 52,064 कुशल कामगारों का पंजीकरण किया जा चुका है। यह पोर्टल श्रमिकों को रोजगार से जोड़ने का प्रभावी माध्यम बना है, जिससे श्रमिकों को उनकी दक्षता के अनुसार कार्य मिलने की संभावना बढ़ी है और उन्हें सम्मानजनक जीवनयापन का अवसर प्राप्त हो रहा है। राज्य सरकार ने वृद्धावस्था में श्रमिकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया है, जिसमें अब तक 6,92,564 लाभार्थियों ने पंजीकरण कराया है। इसी प्रकार अटल पेंशन योजना के तहत 93 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हो चुके हैं। ये योजनाएं भविष्य में श्रमिकों को एक स्थायी आय सुनिश्चित करती हैं। प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत 9.52 करोड़ से अधिक बैंक खाते खुलवाकर प्रदेश ने वित्तीय समावेशन की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इससे श्रमिकों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया गया है।