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डीएमआईसी के ग्रेटर नोएडा नोड को ‘स्मार्ट’ बनाएगी योगी सरकार

  • April 14, 2025
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-दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरीडोर परियोजना के अंतर्गत बन रही इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप को आधुनिक नगर प्रबंधन प्रणाली से किया जाएगा युक्त -इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के

डीएमआईसी के ग्रेटर नोएडा नोड को ‘स्मार्ट’ बनाएगी योगी सरकार

-दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरीडोर परियोजना के अंतर्गत बन रही इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप को आधुनिक नगर प्रबंधन प्रणाली से किया जाएगा युक्त

-इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के 6 चरणों को लागू कर शहरी यातायात व सुरक्षा प्रबंधन तंत्र को बनाया जाएगा प्रभावी

-फाइबर ऑप्टिक्स नेटवर्क, वीएमडी युक्त सीसीटीवी सर्विलांस सिस्टम, पर्यावरण सेंसर तथा कमांड कंट्रोल सेंटर की स्थापना जैसे कार्य होंगे पूर्ण

-देश के सबसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर व इकॉनमिक डेवलपमेंट प्रोग्राम में शामिल डीएमआईसी परियोजना के अंतर्गत कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर डबल इंजन सरकार कर रही काम

Jagrat Times, ग्रेटर नोएडा/लखनऊ । उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध डबल इंजन की सरकार प्रदेश में कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर साथ मिलकर भविष्य की जरूरतों के अनुरूप निर्माण व विकास कार्यों को गति दे रही है। देश के सबसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर व इकॉनमिक डेवलपमेंट प्रोग्राम में शामिल दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरीडोर परियोजना (डीएमआईसी) इसमें प्रमुख है। डीएमआईसी प्रोजेक्ट के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप के विकास की प्रक्रिया जारी है। ऐसे में, अब सीएम योगी के विजन अनुसार इसे ‘स्मार्ट’ बनाने की तैयारी को अमलीजामा पहनाने का कार्य शुरू हो गया है। परियोजना के अंतर्गत, इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप को आधुनिक नगर प्रबंधन प्रणाली से युक्त करने की तैयारी है। इस क्रम में, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के 6 चरणों को इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में भी लागू करने की कार्ययोजना पर काम शुरू हो गया है।

इस प्रक्रिया के अंतर्गत फाइबर ऑप्टिक्स नेटवर्क, वीएमडी युक्त सीसीटीवी सर्विलांस सिस्टम, पर्यावरण सेंसर तथा कमांड कंट्रोल सेंटर की स्थापना जैसे कार्यों को पूरा किया जाएगा। इससे शहरी यातायात व सुरक्षा प्रबंधन तंत्र को प्रभावी तथा भविष्य की जरूरतों के अनुरूप बनाने में मदद मिलेगी।

आधुनिक तकनीक आधारित विकास पर फोकस
ग्रेटर नोएडा में डीएमआईसी के अंतर्गत इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप का निर्माण व विकास डीएमआईसी इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड (डीएमआईसी-आईआईटीजीएनएल) कर रही है। यह ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण तथा राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास एवं कार्यान्वयन ट्रस्ट (एनआईसीडीआईटी) द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। यह एक मेगा-स्केल औद्योगिक पार्क के रूप में कार्य करेगा जिससे बड़ी संख्या में रोजगार सृजन होगा। परियोजना के जरिए एक नए टिकाऊ टाउनशिप के निर्माण व विकास का लक्ष्य है जो कि आधुनिक तकनीक आधारित विकास पर फोकस करेगा।

इसी को ध्यान में रखकर टाउनशिप को आधुनिक नगर प्रबंधन प्रणाली से युक्त करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रक्रिया के पूरा होने पर शहरी यातायात व सुरक्षा प्रबंधन तंत्र को प्रभावी तथा भविष्य की जरूरतों के अनुरूप बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही, उच्च निर्यात क्षमता वाले निर्मित उत्पादों की पहचान, एक अनूठी सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने तथा स्वस्थ जीवन की गुणवत्ता प्रदान करने में भी पहल सहायक सिद्ध होगी।

कमांड सेंटर का होगा निर्माण, पर्यावरण सेंसर के विभिन्न घटकों की होगी स्थापना
योजना के अनुसार, प्रक्रिया को लागू करने में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के 6 घटकों को चरणबद्ध तरीके से स्थापित व संचालित करने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। प्रक्रिया के अंतर्गत कमांड सेंटर का निर्माण होगा। यह सीसीटीवी सर्विलांस सिस्टम के माध्यम से टाउनशिप की चप्पे-चप्पे पर निगरानी रखने में सक्षम होगा।

इससे यातायात, नागरिक सुरक्षा तथा आपातकालीन परिस्थितियों के प्रभावी प्रबंधन व नियंत्रण में मदद मिलेगी। पूरी टाउनशिप में फाइबर ऑप्टिक्स नेक्टवर्क का जाल बिछाया जाएगा तथा टाउनशिप में पर्यावरण सेंसिंग सिस्टम के विभिन्न घटकों की भी स्थापना की जाएगी। इससे तापमान व आद्रता समेत विभिन्न पर्यावरणीय पहलुओं के बारे में सटीक जानकारी मिल सकेगी।

टाउनशिप में वीएमडी आधारित डिस्प्ले सिस्टम, नागरिकों की डाटा सुरक्षा के लिए उन्नत डाटा रक्षण प्रणाली, आईटी सिस्टम समेत विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर इंस्टॉलेशन के कार्यों को भी पूरा किया जाएगा। इन सभी कार्यों को इंटीग्रेशन प्रणाली के जरिए कमांड सेंटर से एकीकृत किया जाएगा, जिसे मास्टर इंटीग्रेटर पूरा करेंगे। इन कार्यों को पूरा करने में 38.24 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि खर्च की जाएगी।

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