माँ दुर्गाजी की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री
- April 5, 2025
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Jagrat Times, Kanpur / हिंदू धर्म में, माँ दुर्गाजी की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। नवरात्र-पूजन के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है। ये सभी प्रकार
Jagrat Times, Kanpur / हिंदू धर्म में, माँ दुर्गाजी की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। नवरात्र-पूजन के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है। ये सभी प्रकार
Jagrat Times, Kanpur / हिंदू धर्म में, माँ दुर्गाजी की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। नवरात्र-पूजन के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है। ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। मां सिद्धिदात्री के चार हाथ हैं | मां सिद्धिदात्री के हाथों में शंख, गदा, कमल का फूल और चक्र है | मां सिद्धिदात्री को माता सरस्वती का रूप भी माना जाता है |मां सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी भी कहा जाता है.
Pandit Laxmi Kant Mishra
इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है।
माँ सिद्धिदात्री की कहानी-
भगवान शिव ने भी सिद्धिदात्री देवी की कृपा से तमाम सिद्धियां प्राप्त की थीं। इस देवी की कृपा से ही शिवजी का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण शिव अर्द्धनारीश्वर नाम से प्रसिद्ध हुए। इस देवी का पूजन, ध्यान, स्मरण हमें इस संसार की असारता का बोध कराते हैं और अमृत पद की ओर ले जाते हैं।
मार्कण्डेय पुराण के अनुसार माँ सिद्धिदात्री की आठ सिद्धियाँ हैं – अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व।
फूल- मां सिद्धिदात्री को चंपा और गुड़हल के फूल अर्पित करने से पूजा सफल होती है।
वाहन- इनका वाहन सिंह है। ये कमल पुष्प पर भी आसीन होती हैं।
वस्त्र- हरे रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। यह रंग सुख-समृद्धि, खुशहाली का माना जाता है।
भोग- मां सिद्धिदात्री को खीर, पूड़ी, चना, हलवा, नारियल और मौसमी फल का भोग जरूर लगाएं।
पूजा विधि- इस दिन को महा नवमी के नाम से भी जाना जाता है । मां को मोली, रोली, कुमकुम, पुष्प और चुनरी चढ़ाकर मां की भक्ति भाव से पूजा करें. इसके बाद मां को पूरी, खीर, चने, हलुआ, नारियल का भोग लगाएं. उसके बाद माता के मंत्रों का जाप करें और नौ कन्याओं के साथ एक बालक को भोजन कराएं.
मां सिद्धदात्री स्तोत्र- या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।
मां सिद्धिदात्री का ध्यान मंत्र क्या है
मणिमुकुट विचित्र अलंकृत कल्प जाले; भवतु भुवन माता संत्ततम सिद्धिदात्री नमो नम:। ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:। सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
मां सिद्धिदात्री का मंत्र क्या है
मोक्षदायिनी सिद्धीदायिनी सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥ ओंकारपातु शीर्षो मां ऐं बीजं मां हृदयो। हीं बीजं सदापातु नभो, गुहो च पादयो॥ ललाट कर्णो श्रीं बीजपातु क्लीं बीजं मां नेत्र घ्राणो।
भाग्यनोत्ति मंत्र
ॐ ऐं श्रीं भाग्योदयं कुरु कुरु श्रीं ऐं फट् ।। लाभ- मान्यताओं के अनुसार इस मंत्र का विधिवत जाप करने से व्यक्ति के जीवन में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है। इसके साथ ही उसके जीवन में सुख-शांति आती है और धन संबंधी परेशानियां भी दूर हो जाती है