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हर नारी की “शक्ति” को प्रणाम

  • March 29, 2025
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-शिक्षा, मेडिकल, सेना, पुलिस, खेल और पत्रकारिता सहित और भी क्षेत्र हैं जिसमें लड़कियों ने बाजी मारी-घरेलू और गृहिणी को विशेष तौर पर सैल्यूट जो पूरे परिवार का

हर नारी की “शक्ति” को प्रणाम

-शिक्षा, मेडिकल, सेना, पुलिस, खेल और पत्रकारिता सहित और भी क्षेत्र हैं जिसमें लड़कियों ने बाजी मारी
-घरेलू और गृहिणी को विशेष तौर पर सैल्यूट जो पूरे परिवार का निस्वार्थ भाव से हमेशा रखतीं हैं ख्याल

Jagrat Times, Kanpur/ हमारे समाज में “नारी शक्ति” को विशेष स्थान प्राप्त है। चाहे वो मां दुर्गा के “नौ रूपों की शक्ति” हो या फिर एक सामान्य महिला। हमारे सनातन धर्म में महिलाओं, लड़कियों और बेटियों को विशेष स्थान दिया गया है। इसीलिए पावन नवरात्रि पर कन्याओं के पैर पखार कर उनसे अपने जीवन में सुख शांति मंगल कामना और समृद्धता का वरदान मांगा जाता है। वर्तमान समय में महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों को कड़ी चुनौती दे रहीं हैं। यहां तक कि कई मामलों में वह पुरुषों से भी आगे निकल गई है। इसीलिए चैत्र नवरात्रि पर जाग्रत टाइम्स की टीम कुछ ऐसी ही महिला शख्सियत की स्टोरी पाठकों से रूबरू कर रहा है जिन्होंने अपनी योग्यता, क्षमता और दक्षता की बदौलत संबंधित कार्यक्षेत्र में लाजवाब उपलब्धि हासिल करने के बावजूद अपने घर और परिवार का भी ख्याल रखते हुए समाज में बेमिसाल उदाहरण प्रस्तुत किया। हम इस स्टोरी के माध्यम से हर उस महिला, लड़की और बेटी को प्रेरित करना चाहते हैं जिससे वो भी अपने जीवन में कुछ मुकाम हासिल कर सके। शिक्षा, मेडिकल, सेना, पुलिस, खेल और पत्रकारिता सहित और भी क्षेत्र हैं जिसमें लड़कियों ने बाजी मारी है। विगत कई वर्षों से महिलाओं ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए सबकों प्रभावित किया। हमारी टीम उन महिलाओं को भी विशेष तौर पर सैल्यूट करती है जो पूरी तरह से घरेलू और गृहिणी हैं। उनका हमारे समाज में विशेष योगदान है क्योंकि आपकी सफलता के पीछे उनकी कड़ी लगन और मेहनत है जो पूरे परिवार का भोजन और स्वास्थ्य से लेकर हर पल उसका ख्याल रखतीं हैं ताकि आप और हम जीवन में बिना किसा रुकावट के लगातार तरक्की कर सकें।

घर से लेकर देश की बागडोर तक संभालने में सक्षम हैं महिलाएं: आरजे काजल

महिलाओं ने हर उस मिथक को तोड़ा है जिसके लिए समाज के ठेकेदारों ने कहा था कि यह काम लड़कियों के बस का नहीं। पर ऐसी बकवास करने वाले यह भूल गए कि महलों में रहने वाली “मनु” यानी रानी लक्ष्मीबाई ने अकेले अपने दम पर अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे। वह सरस्वती व लक्ष्मी भी है तो दुर्गा और काली भी। शालीनता उसका गहना है कमजोरी नहीं। अपनी जादुई आवाज और दमदार प्रेजेंटेशन के लिए मशहूर कानपुर की आरजे काजल ने कहा कि महिला ने घर से लेकर देश की बागडोर भी बखूबी चलाई है। ममता की छांव में अपनों पर प्रेम बरसाने वाली महिलाएं आज पुलिस और भारतीय सेना में अपनी दमदार भागेदारी से समाज व देश की रक्षा करने में भी लीड रोल अदा कर रहीं हैं। शिक्षा, मेडिकल, खेल, मनोरंजन या फिर राजनीति हर क्षेत्र में वह पुरुषों को कड़ी टक्कर दे रही हैं।

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