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यूपी में लिंगानुपात में हुआ ऐतिहासिक सुधार, 1000 पुरुषों पर 1020 महिलाएं

  • March 25, 2025
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Jagrat Times, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बीते आठ वर्षों में महिला सशक्तीकरण को लेकर जो परिवर्तन हुए हैं, वे ऐतिहासिक और प्रेरणादायक हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व

यूपी में लिंगानुपात में हुआ ऐतिहासिक सुधार, 1000 पुरुषों पर 1020 महिलाएं

  • ‘कन्या जन्मोत्सव’ सामाजिक मानसिकता में बदलाव की अनूठी पहल
  • सुरक्षित मातृत्व के लिए योगी सरकार की योजनाओं ने किया कमाल, मातृ और शिशु मृत्यु दर में अभूतपूर्व गिरावट
  • अनुपूरक पुष्टाहार योजना ने 2 करोड़ से अधिक महिलाओं और बच्चों को मिला स्वस्थ जीवन
  • आयुष्मान भारत और मातृत्व योजनाओं से 84 प्रतिशत से अधिक संस्थागत प्रसव

Jagrat Times, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बीते आठ वर्षों में महिला सशक्तीकरण को लेकर जो परिवर्तन हुए हैं, वे ऐतिहासिक और प्रेरणादायक हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता देते हुए ऐसी योजनाओं को लागू किया, जिन्होंने न केवल महिलाओं के जीवन स्तर को ऊंचा किया, बल्कि पूरे समाज को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने का कार्य किया। योगी सरकार के सतत प्रयासों और जागरूकता अभियानों के परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश में महिला-पुरुष लिंगानुपात में ऐतिहासिक सुधार दर्ज किया गया है। आंकड़ों के अनुसार, अब प्रति 1000 पुरुषों पर 1020 महिलाएं हैं, जो दर्शाता है कि कन्या भ्रूणहत्या जैसी कुप्रथाओं पर प्रभावी नियंत्रण किया गया है। सरकार की योजनाओं और “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” जैसे अभियानों ने लोगों की मानसिकता को बदला है और बेटियों को समान अवसर प्रदान करने की दिशा में प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है।

योगी सरकार द्वारा महिलाओं और बालिकाओं के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाएं समाज में बड़ा बदलाव ला रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत शुरू की गई ‘कन्या जन्मोत्सव’ पहल ने पूरे देश में एक मिसाल कायम की है। इस पहल का उद्देश्य बालिकाओं के जन्म को उत्सव की तरह मनाना और समाज में लड़कियों के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करना है। प्रदेश में अब तक 3,822 कार्यक्रम आयोजित कर 35,489 बालिकाओं के जन्म का उत्सव मनाया जा चुका है।

बालिका सशक्तीकरण की दिशा में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना महत्वपूर्ण
बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए योगी सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं। इनमें मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना एक अहम योजना है, जिसके तहत अब तक 23 लाख से अधिक लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा चुका है। इस योजना के तहत बालिका के जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक आर्थिक सहायता दी जाती है। महिला एवं बाल विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत -बालिका के जन्म पर 5,000 रुपये व एक वर्ष तक के पूर्ण टीकाकरण पर 2,000 रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा कक्षा 1 और 6 में प्रवेश पर 3,000-3,000 रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा कक्षा 9 में प्रवेश पर 5,000 रुपये और 10वीं या 12वीं पास करने के बाद स्नातक या डिप्लोमा में प्रवेश पर 7,000 रुपये दिए जा रहे हैं। इस तरह, एक लाभार्थी को कुल 25,000 रुपये की सहायता राशि दी जाती है, जिससे उसकी शिक्षा और भविष्य सुरक्षित हो सके।

‘कन्या जन्मोत्सव’ सामाजिक मानसिकता में बदलाव की अनूठी पहल
उत्तर प्रदेश सरकार ने कन्या भ्रूण हत्या को रोकने, बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने और समाज में लैंगिक समानता स्थापित करने के लिए ‘कन्या जन्मोत्सव’ की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के तहत नवजात बालिकाओं के जन्म को उत्सव के रूप में मनाया जाता है। कार्यक्रम में पिता, भाई, परिवार के अन्य सदस्य, जनप्रतिनिधि और समाज के गणमान्य लोग शामिल होते हैं, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि बालिका के जन्म को सकारात्मक रूप से देखा जाए। प्रदेश में इस पहल के तहत हर महीने के पहले और तीसरे सोमवार को जिला, ब्लॉक और गांव स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, ताकि समाज में लड़कियों के महत्व को लेकर जागरूकता बढ़ाई जा सके।

सामाजिक भागीदारी से बढ़ी कार्यक्रम की प्रभावशीलता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘कन्या जन्मोत्सव’ को केवल सरकारी योजना तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे सामाजिक आंदोलन में बदला है। इस पहल में महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायती राज और स्थानीय प्रशासन को एकीकृत किया गया है, जिससे इसका प्रभाव व्यापक हो सके। इस कार्यक्रम में समुदाय की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाता है। पिता, भाई, दादा-दादी, गांव के प्रधान और अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी इस पहल का हिस्सा बनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य पितृसत्तात्मक मानसिकता को समाप्त करना और समाज में लैंगिक समानता की भावना विकसित करना है।

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