मंकी पॉक्स से सतर्क रहना बहुत जरूरी : डॉक्टर मधुलिका शुक्ला
- March 17, 2025
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इसके बीमारी के विषय में सही जानकारी रखने की जरूरत है, भ्रमित और डरने की कोई आवश्यकता नहीं –मंकी पॉक्स की बीमारी होने पर शरीर में बुखार, सिरदर्द,
इसके बीमारी के विषय में सही जानकारी रखने की जरूरत है, भ्रमित और डरने की कोई आवश्यकता नहीं
–मंकी पॉक्स की बीमारी होने पर शरीर में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान जैसे लक्षण दिखते हैं
Jagrat Times, kanpur / इन दिनों मंकी पॉक्स बीमारी का नाम बहुत ही चर्चा में हैं। मीडिया द्वारा लगातार इस बीमारी से संबंधित लोगों को सही जानकारी देकर सचेत किया जा रहा है। इस बीमारी के विषय में विस्तार से चर्चा करते हुए कानपुर की मशहूर होम्योपैथिक डॉक्टर मधुलिका शुक्ला ने बताया कि मंकी पॉक्स की बीमारी होने पर शरीर में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। चेहरे, हाथ के अलावा शरीर के अन्य हिस्सों में दाने या फफोले भी हो जाते हैं। इसलिए बहुत ही सतर्क रहने की जरूरत है।
जैसे ही शरीर में इस तरह के लक्षण दिखने लगे तो बिना देर किए उचित चिकित्सीय परीक्षण व परामर्श के साथ इलाज शुरू करवा लेना चाहिए ताकि बीमारी के बढ़ने से पहले ही उसे समय रहते नियंत्रित किया जा सके। इस बीमारी लक्षण और संकेत लगभग एक सप्ताह के अंदर ही दिखना आरंभ हो जाते हैं, लेकिन संपर्क के 1-21 दिन बाद ही शुरू हो सकते हैं। इन बीमारियों के लक्षण आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक रहते हैं, लेकिन कम इम्यूनिटी वाले इंसानों में इसके लक्षण काफी दिनों शरीर में दिख सकते हैं। अगर इस बीमारी की तह तक जाएं तो जानकारों एवं विशेषज्ञों के मुताबिक मूलरूप से “मंकी पॉक्स” नाम दिए जाने के बावजूद, इस बीमारी का मूल किसी को भी पता नहीं है।
वैज्ञानिकों को संदेह है कि अफ्रीकी कृंतक और गैर-मानव प्राइमेट (जैसे बंदर) वायरस को आश्रय दे सकते हैं और लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। एम पॉक्स का पहला मानव मामला 1970 में दर्ज किया गया था, जो अब कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य है। मौजूदा समय में वर्तमान में मंकी पॉक्स संक्रमण के लिए अभी तक कोई विशेष उपचार उपलब्ध नहीं है। अधिकांश रोगियों के लिए जिनकी इम्यूनिटी बरकरार है साथ ही उन्हें कोई त्वचा रोग नहीं है तो देखभाल और उचित चिकित्सा उपचार के ठीक हो जाता है।