My City Spirituals State

पंडित चन्द्रकान्त शुक्ला से जानिए! बिना कुंडली भी संभव है हर समस्या का समधान

  • March 9, 2025
  • 0

City Desk, kanpur/ यदि आपके पास समय नहीं है और कुंडली भी नहीं है तो मानसिक पूजा और नाम जप से आप पाये सभी समस्याओं का समाधान किसी

पंडित चन्द्रकान्त शुक्ला से जानिए! बिना कुंडली भी संभव है हर समस्या का समधान

City Desk, kanpur/

यदि आपके पास समय नहीं है और कुंडली भी नहीं है तो मानसिक पूजा और नाम जप से आप पाये सभी समस्याओं का समाधान

  1. मानसिक पूजा क्या है?
    मानसिक पूजा का अर्थ है मन के भीतर ही ईश्वर की आराधना करना, बिना किसी बाहरी सामग्री या क्रियाओं के। इसमें भक्त अपने मन में ही भगवान की मूर्ति की कल्पना करता है, उन्हें स्नान कराता है, वस्त्र पहनाता है, पुष्प अर्पित करता है और भोग लगाता है। यह अत्यंत सूक्ष्म और प्रभावी साधना मानी जाती है।
  2. मानसिक पूजा कैसे करें?

किसी शांत स्थान पर बैठें और मन को एकाग्र करें।

अपने ईष्ट देवता या इष्ट मंत्र का ध्यान करें।

मन में ही उनकी मूर्ति की कल्पना करें और उन्हें प्रेमपूर्वक पूजन सामग्री अर्पित करें।

यह भावना करें कि ईश्वर आपकी पूजा को स्वीकार कर रहे हैं।

अंत में, हृदय से प्रार्थना करें और कृतज्ञता प्रकट करें।

  1. नाम जप क्या है?
    नाम जप का अर्थ है ईश्वर के नाम का बार-बार स्मरण करना। यह मानसिक रूप से, मौखिक रूप से या माला के साथ किया जा सकता है।
  2. नाम जप के लाभ:

मन को शांति और स्थिरता मिलती है।

आत्मिक शक्ति बढ़ती है।

जीवन में सकारात्मकता आती है।

सांसारिक दुखों से मुक्ति मिलने में सहायता होती है।

  1. नाम जप कैसे करें?

किसी मंत्र या ईश्वर के नाम का चयन करें (जैसे “ॐ नमः शिवाय”, “हरे कृष्ण”, “श्री राम जय राम जय जय राम”)।

रोज एक निश्चित संख्या में जप करें (जैसे 108 बार माला से या मानसिक रूप से दिनभर जप करना)।

श्रद्धा और विश्वास के साथ करें, जल्दबाजी न करें।

ध्यान और साधना के साथ इसे संयोजित करें।

मानसिक पूजा और नाम जप बहुत सरल, प्रभावी और हर परिस्थिति में की जा सकने वाली साधनाएँ हैं। इन्हें अपनाने से मन को स्थिरता और आत्मिक आनंद की प्राप्ति होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *