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पंडित चन्द्रकान्त शुक्ला से जानिए! चंद्र-शनि की युति से बने विष योग के सभी भाव में लाभ-हानि

  • March 8, 2025
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चंद्र और शनि की युति को विष योग कहा जाता है, क्योंकि यह मानसिक तनाव, अवसाद और जीवन में संघर्ष को बढ़ा सकता है। हालाँकि, यदि सही स्थिति

पंडित चन्द्रकान्त शुक्ला से जानिए! चंद्र-शनि की युति से बने विष योग के सभी भाव में लाभ-हानि

चंद्र और शनि की युति को विष योग कहा जाता है, क्योंकि यह मानसिक तनाव, अवसाद और जीवन में संघर्ष को बढ़ा सकता है। हालाँकि, यदि सही स्थिति में हो, तो यह व्यक्ति को अनुशासित, गंभीर और आध्यात्मिक भी बना सकता है। आइए जानते हैं कि यह योग कुंडली के सभी 12 भावों में क्या प्रभाव डालता है।


1st House (लग्न भाव – व्यक्तित्व और स्वभाव)

लाभ: व्यक्ति गंभीर, आत्म-अनुशासित और संघर्षशील होता है। विपरीत परिस्थितियों में भी संयम बनाए रखता है।
हानि: आत्मविश्वास की कमी, नकारात्मक सोच, अकेलापन और मानसिक तनाव।


2nd House (धन भाव – धन और परिवार)

लाभ: धन संचय करने की क्षमता, विचारशीलता और मितव्ययिता।
हानि: परिवार में मतभेद, कठोर वाणी, आर्थिक अस्थिरता और पैतृक संपत्ति से विवाद।


3rd House (पराक्रम भाव – साहस और संचार कौशल)

लाभ: मजबूत मानसिकता, संघर्ष करने की क्षमता और गुप्त ज्ञान में रुचि।
हानि: भाई-बहनों से तनाव, आत्म-अभिव्यक्ति में कठिनाई और अनावश्यक डर।


4th House (सुख भाव – माता और गृहस्थ जीवन)

लाभ: अनुशासनप्रियता, संपत्ति प्राप्ति की संभावना और संतुलित स्वभाव।
हानि: माता से दूर रहना, घर में अशांति और आंतरिक असंतोष।


5th House (विद्या और संतान भाव – शिक्षा और संतान)

लाभ: शोध में रुचि, गूढ़ विषयों की समझ और एकाग्रता।
हानि: संतान से कष्ट, पढ़ाई में बाधा, और चिंता अधिक रहना।


6th House (शत्रु और रोग भाव – संघर्ष और स्वास्थ्य)

लाभ: शत्रुओं पर विजय, धैर्य और विपरीत परिस्थितियों में लड़ने की शक्ति।
हानि: मानसिक तनाव, नींद की समस्या और हृदय व पाचन संबंधी रोग।


7th House (विवाह और साझेदारी भाव)

लाभ: गंभीर और प्रतिबद्ध रिश्ते, कठिन परिस्थितियों में संतुलन बनाए रखने की क्षमता।
हानि: विवाह में विलंब, जीवनसाथी से मतभेद और रिश्तों में ठंडापन।


8th House (आयु और रहस्य भाव – गूढ़ ज्ञान और आकस्मिक घटनाएँ)

लाभ: गुप्त विद्या में रुचि, आध्यात्मिक उन्नति और जीवन के रहस्यों की गहरी समझ।
हानि: अचानक दुर्घटनाएँ, मानसिक तनाव और गुप्त शत्रुओं से परेशानी।


9th House (भाग्य और धर्म भाव – आध्यात्मिकता और यात्रा)

लाभ: गहरे धार्मिक विचार, संयम, और योग-साधना में रुचि।
हानि: भाग्य में बाधा, पिता से मतभेद और उच्च शिक्षा में रुकावट।


10th House (कर्म भाव – करियर और प्रतिष्ठा)

लाभ: मेहनती और अनुशासित स्वभाव, प्रशासनिक क्षमता और लीडरशिप गुण।
हानि: करियर में देरी, नौकरी में अस्थिरता और बॉस या सीनियर्स से तनाव।


11th House (लाभ भाव – धन और सामाजिक संबंध)

लाभ: दीर्घकालिक आर्थिक सफलता, स्थायी लाभ और गंभीर मित्रता।
हानि: दोस्ती में विश्वासघात, अचानक हानि और इच्छाओं की पूर्ति में देरी।


12th House (व्यय भाव – हानि और मोक्ष)

लाभ: आध्यात्मिक जागरूकता, ध्यान-साधना में रुचि और गुप्त विद्या में सफलता।
हानि: अकेलापन, अनावश्यक खर्च और मानसिक बेचैनी।


निवारण (उपाय)

  1. शिव पूजा – भगवान शिव की आराधना करें, क्योंकि वे चंद्रमा के स्वामी हैं और शनि के कष्टों को कम कर सकते हैं।
  2. चंद्र और शनि के मंत्र –

चंद्र मंत्र: ॐ सों सोमाय नमः

शनि मंत्र: ॐ शं शनैश्चराय नमः

  1. शनि का दान – काले तिल, लोहे की वस्तुएँ, उड़द की दाल और तेल का दान करें।
  2. चंद्र को बल देना – रोज चाँद को अर्घ्य दें और दूध का सेवन करें।

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