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महिला शक्ति को सादर प्रणाम

  • March 7, 2025
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सिटी डेस्क, कानपुर। दुनिया भर में हर साल 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है। यह विशेष दिन महिलाओं के अधिकार, समानता और सशक्तिीकरण को बढ़ावा देने

महिला शक्ति को सादर प्रणाम


सिटी डेस्क, कानपुर। दुनिया भर में हर साल 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है। यह विशेष दिन महिलाओं के अधिकार, समानता और सशक्तिीकरण को बढ़ावा देने के साथ किसी भी क्षेत्र में महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव को रोकने के उद्देश्य से मनाया जाता है। महिला दिवस पर देश की सफल और समाज के लिए प्रेरणाश्रोत बनीं महिलाओं ने कुछ इस प्रकार अपने विचार प्रकट किया।

दायित्व निभाने का हुनर जानती हैं महिलाएं- आरती सिंह तंवर
राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर का दायित्व निभा रहीं आरती सिंह तंवर ने कहा कि आज महिलाएं हर दिशा में तेजी से अग्रसर है। घर या समाज से जो भी जिम्मेदारी मिली उसे बखूबी निभाया। नारी समाज का मूल आधार है। नारी भगवान का दिया गया समाज को एक अनोखा उपहार है। महिलाएं समाज में रहकर बेटी, बहन, मां व पत्नी सभी रिश्ते पूरी ईमानदारी से निभाती है। सुदंरता का दूसरा नाम नारी है।

समाज निर्माण में नारी की अह्म भूमिका – प्रीति रंजन
कानपुर में ब्यूटी एंड मेकअप एक्सपर्ट प्रीति रंजन ने कहा कि समाज निर्माण में नारी की अह्म भूमिका रही है। समाज से नारी को जो भी दायित्व दिया। उसका ईमानदारी से निर्वाहन किया। मां की भूमिका से लेकर देश के सर्वाेच्च पद तक नारी ने खुद को साबित किया। उन्होंने आग्रह किया कि महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहे।

नारी आगे बढ़े और अपने अधिकारों को समझे- रोशनी टाक
राजस्थान जयपुर निवासी डाक्टर रोशनी टाक ने बधाई देते हुए कहा कि महिला हर किरदार में सफल रही है। आज सभी स्थानों पर महिलाएं अह्म भूमिका निभा रही है। बदलते समाज में महिलाएं तेजी से आगे बढ़ी हैं। महिलाओं को जागरूक रहने की आवश्यकता है। अपने अधिकारों को समझे। महिलाएं अब सिर्फ घर चलाने तक ही सीमित नहीं है। आज देश और प्रदेश के बड़ों पदों की कमान महिलाओं के पास है।

दायित्व निर्वाहन में महिलाएं आगे – रजनी सिंह चैहान
एमपी पुलिस में इंस्पेक्टर रजनी सिंह चैहान ने कहा कि महिलाएं हर दायित्व को बखूबी निभा कर अपने को समाज में स्थापित किया है। वर्तमान में घर की जिम्मेदारी से लेकर देश की जिम्मेदारी तक पूरी तरह सफल है। देश को नयी दिशा देने में नारियों का विशेष योगदान रहा है। महिलाओं ने अपनी काबलियत से सिद्ध कर दिया है कि अब कोई ऐसा दायित्व नहीं जिसका निर्वाहन महिलाएं न कर सके।ृ

महिलाओं का मानसिक सशक्तीकरण होना भी जरूरी – साधना यादव
कानपुर जुहारी देवी कालेज की असिस्टेंट और विभागाध्यक्ष मनोविज्ञान विभाग की प्रोफेसर डाॅ0 साधना यादव ने कहा कि महिला दिवस महिलाओं के अधिकारों और समाज के योगदान के लिए समर्पित होता है। यह दिन न केवल उनके संघर्षो को याद करने का है, बल्कि समाज में समानता, न्याय और महिला सशक्तिीकरण के लिए एकजुट होने का अवसर है। लेकिन केवल आर्थिक, सामाजिक, या कानूनी सशक्तीकरण ही पर्याप्त नहीं है। महिलाओं को मानसिक मजबूत होना भी जरूरी है। मानसिक सशक्तीकरण से वे अपने आत्मसम्मान के लिए स्वंय स्वतंत्र निर्णय ले सकेगी।

नारी समाज की प्रथम शिक्षक-क्षमा शुक्ला
शिक्षिका क्षमा शुक्ला ने महिला दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि नारी समाज की प्रथम शिक्षक है। इसलिए उसका सम्मान सर्वाेपरि है। नारी के पास ही भगवान के द्वारा दी गयी विशेष शक्ति है जिसके अन्तर्गत वह बेटी, बहन, मां और पत्नी सभी का दायित्व ईमानदारी से निभाते हुए समाज के लिए भी काम करती है। वर्तमान समय में नारी के पास अनेक अधिकार है। अपने अधिकारों को जाने और घर व समाज के लिए काम करें।

नारी को सम्मान और अधिकार जरूरी- नीशू ठाकुर
मेकअप आर्टिशट नीशू ठाकुर ने महिला दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि नारी समाज का मूल आधार है। इसलिए नारी को पूरा सम्मान और अधिकार मिलना चाहिए। नारी ने दहलीज के अंदर मां, बहन, बेटी और पत्नी का दायित्व निभाया और मौका आने पर देश की बागडोर संभाली। वर्तमान समय में वह सभी पदों पर आसीन है। इसलिए महिला दिवस पर सभी नारियों से आग्रह करना चाहती हूं कि जहां भी मौका मिले अपने को साबित करके

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