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“ऑपरेशन गंगा “को सफल बना कैप्टन शिवानी कालरा ने पेश की बदाहुरी की मिसाल

  • March 5, 2025
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-एयरफोर्स में लड़ाकू विमान उड़ाकर अपनी काबिलियत और बहादुरी का लोहा मनवाया -घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में एक कुशल पायलट की भूमिका निभा रही हैं भूमिका Central Desk,

“ऑपरेशन गंगा “को सफल बना कैप्टन शिवानी कालरा ने पेश की बदाहुरी की मिसाल

-एयरफोर्स में लड़ाकू विमान उड़ाकर अपनी काबिलियत और बहादुरी का लोहा मनवाया

-घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में एक कुशल पायलट की भूमिका निभा रही हैं भूमिका

Central Desk, बहादुरी का काम सिर्फ लड़के ही कर सकते हैं। यह कहना लड़कियों के लिए बेमानी होगी क्योंकि अब कोई भी क्षेत्र बचा नहीं है जिसमें लड़कियां अपनी हिम्मत और बहादुरी के कारनामें न कर रही हो। पुलिस और सेना के साथ ही एविएशन के क्षेत्र में भी लड़कियों ने महारथ हासिल कर ली है। एयरफोर्स में लड़ाकू विमान उड़ाकर अपनी काबिलियत और बहादुरी का लोहा मनवा लिया है। इसके अलावा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में एक कुशल पायलट की भूमिका भी निभा रही हैं।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत के लिए यह अंत्यंत ही गौरव की बात है कि भारत में लड़कों से ज्यादा लड़कियां पायलट हैं। और इन्हीं बहादुर पायलट में से एक नाम बहुत तेजी से उभरकर सामने आया है। औऱ वो नाम है-कैप्टन शिवानी कालरा। गौरतलब है कि रूस ने अचानक यूक्रेन पर हमला कर दिया, इन दोनों देशों के बीच आज भी युद्ध जारी है। इस हमले के दौरान अन्य देशों की तरह ही भारतीय मेडिकल के छात्र भी वहां पर फंस गए। इस विषम परिस्थतियों और गहरे संकट के बीच भारत सरकार ने यूक्रेन से भारतीय छात्रों को एयर लिफ्ट करने के लिए मास्टर प्लान-ऑपरेशन गंगा बनाया। “ऑपरेशन गंगा” के लिए जिस एयर इंडिया की पायलट को चुना गया, वो थी शिवानी कालरा। कैप्टन शिवानी कालरा ने भारत सरकार की उम्मीदों पर सौ फीसदी खरा उतरते हुए यूक्रेन में फंसे मेडिकल छात्रों को वापस लाकर पूरे विश्व में अपनी बहादुरी की मिसाल पेश करने के साथ ही देश का सिर भी ऊंचा कर दिया। गौरतलब है कि जब “आपरेशन गंगा” के लिए शिवानी को चुनने के बाद उन्हें फोन कर सरकार ने उनकी राय और रजामन्दी जाननी चाही। तब उनका परिवार और शिवानी अपने भाई की शादी की तैयारी कर खुशियां मना रहे थे। उनसे पूछा गया कि क्या आप “ऑपरेशन गंगा” का हिस्सा बनकर यूक्रेन से छात्रों को निकालने के लिए तैयार हैं। शिवानी ने जवाब देने में एक मिनट भी नहीं लगाया और “हां” कह दिया। इस दौरान वहां मौजूद उनके माता और पिता इस बात को लेकर बहुत चिंतित हो गए थे, लेकिन फिर भी उन्होंने शिवानी को रोका नहीं। उन्होंने अपनी बेटी की पीठ थपथपाते हुए कि आप केवल नागरिकों को वापस लाने नहीं जा रही हैं, आप कई परिवारों को फिर से जोड़ने जा रही हैं। आत्मविश्वास से कदम बढ़ाकर सुरक्षित सबको वापस लाकर हमारे साथी ही पूरे देश को गौरवान्वित करो। शिवानी कालरा ने अपने अनुभव को याद करते हुए बताया कि वो उस गंतव्य स्थान पर पहुंचीं, जहां छात्र सुरक्षित यूक्रेन से निकलने के लिए बेताब थे। शिवानी और उनकी पूरी टीम को देखकर डरे हुए छात्रों के चेहरों पर मुस्कान आ गई। शिवानी और उनकी टीम ने छात्रों का हौसला बढ़ाते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि वे सुरक्षित घर पहुंच जाएंगे। और रोमानिया के बुडापेस्ट से भारतीय छात्रों को अपने देश पहुंचाकर ही दम लिया। जैसे ही एयर इंडिया का विमान भारतीय धरती पर लैंड किया तो भारत माता की जय के नारे लगने लगे। तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा एयरपोर्ट गूंज उठा। सभी ने कैप्टन शिवानी कालरा और उनकी टीम को सिर आंखों पर बैठा लिया।

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