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बदलते मौसम में रहे सावधान, वायरस अटैक को तैयार

  • March 1, 2025
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-शरीर में दर्द और फीवर खास लक्ष्ण-दिन में गर्मी और रात में सर्दी घातक-वातावरण में दो सौ प्रकार के संक्रमणRAKESH VERMA, कानपुर। मौसम परिवर्तन यानी फरवरी से मार्च

बदलते मौसम में रहे सावधान, वायरस अटैक को तैयार


-शरीर में दर्द और फीवर खास लक्ष्ण
-दिन में गर्मी और रात में सर्दी घातक
-वातावरण में दो सौ प्रकार के संक्रमण

RAKESH VERMA, कानपुर। मौसम परिवर्तन यानी फरवरी से मार्च माह में प्रवेश अनेक वायरस लेकर आता है। कभी गर्मी कभी ठंडी हवा सभी के लिए घातक होती है। मौसम परिवर्तन के कारण हवा में दो सौ प्रकार के वायरस एक्टिव हो जाते है। लापरवाही पर इनका अटैक होते ही सर्दी, जुखाम, बुखार, खांसी, शरीर में दर्द होना शुरू होता है। इसलिए मौसम में बदलाव के समय विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। उक्त जानकारी शहर के वरिष्ठ चिकित्सक डाॅक्टर आर0 एन0 द्विवेदी ने दी।
मार्च माह में विशेष केयर की जरूरत
चिकित्सक ने बताया कि मार्च का माह स्वास्थ्य के हिसाब से विशेष होता है। सर्दी जा रही होती है और गर्मी का आगमन होने लगता है। ऐसे मे मौमस में तेजी से बदलाव होता है। दिन में गर्मी और शाम के समय ठंडक घातक होती है। जो स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। इसलिए इस माह में लापरवाही न बरते। आवश्यक कपड़े पहने रहे। खानपान का भी ध्यान रखे।
मौसम परिवर्तन में होने वाली बीमारियां
मौसम में बदलाव के कारण हवा में वैक्टीरिया एक्टिव होता है। जो आपकी लापरवाही का इंतजार करता है। मौका मिलते ही नाक, मंुह क माध्यम से यह शरीर में प्रवेश करता है। अटैक होते ही यह आपको सर्दी, जुखाम, बदन दर्द, जोड़ों में दर्द, सीने में दर्द, बुखार, सिर दर्द होने लगता है। इसलिए बचाव की पूरी तैयारी रखे।
उम्रदराज व बच्चों का रखे विशेष ध्यान
मौसम बदलाव के समय बच्चों और बुजुर्गो का विशेष ध्यान रखने की आवश्कता होती है। दोनों लोगों को मौसम का अटैक जल्दी होता है। इसलिए इनको पहनने में विशेष ध्यान देना चाहिए। ठंडी चीजों से परहेज कराएं। बाहन की चीजों से दी बनाएं। बच्चों और उम्रदराज लोगों की इम्यूनिटी पावर कम होती है इसलिए वायरस अटैक का खतरा अधिक होता है।
खानपान पर रखे विशेष ध्यान
मौसम परिवर्तन के समय खानपान का अह्म रोल होता है। सुबह गर्मी और रात को ठंडक जैसी स्थिति बनने पर एसी व कूलर से बचे। ठंडे पानी व पेय पदार्थ से भी दूरी बनाएं। बाहर का खाना और फास्ट फूड भी खाने से बचे। घर का खाना ताजी और हरी सब्जी का प्रयोग करे। मौसमी फल का सेवन करे।
वातावरण में 200 तरह के एलर्जी वायरस
फिजीशियन ने बताया कि वातावरण में दो सौ तरह के एलर्जी वायरस मौजूद है। जो आपको बीमार करने के लिए पूरी तरह जिम्मेदार होते है। मौसम में बदलाव होते ही यह वायरस आपकी लापरवाही का इंतजार करते है। जैसे ही आप बदलते वातावरण को नजर अंदाज करते है आम मानव राइनोवायरस सबसे पहले आपको चपेट में लेता है। यह अकेला वायरस शरीर में चालीस प्रकार की परेशानियों को जन्म दे सकता है।

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